काश अभी थम जाए ये पल
और ना आए कभी वो काला कल
जब पेड़ों की ना कोई छाँव होगी
बगिया में भौंरो की ना गूँज होगी
कोयल की ना कोई कूक होगी
ना होगी बागीचों में आम की चोरी
ना होगी धरा पे फूलों की रंगोली
जब होगी महामारी,अकाल,भुखमरी
नदियों में होगी जलाचर की बलि
कुदरत की छवि ना जब सुंदर होगी
भयानक जहान की सब घड़िया होगी
दूषित हवा में ना जब साँसें होंगी
और कयामत की चहूँ ओर झलकियां होगी
मनु के बोए काँटों की खिली बगिया होगी
काश कभी ना आए वो मंजर
समय ने बदली हो जब करवट भयंकर
काश अभी थम जाए ये पल
और ना आए कभी वो काला कल
काश अभी थम जाए ये पल
काश........
#आँचल
और ना आए कभी वो काला कल
जब पेड़ों की ना कोई छाँव होगी
बगिया में भौंरो की ना गूँज होगी
कोयल की ना कोई कूक होगी
ना होगी बागीचों में आम की चोरी
ना होगी धरा पे फूलों की रंगोली
जब होगी महामारी,अकाल,भुखमरी
नदियों में होगी जलाचर की बलि
कुदरत की छवि ना जब सुंदर होगी
भयानक जहान की सब घड़िया होगी
दूषित हवा में ना जब साँसें होंगी
और कयामत की चहूँ ओर झलकियां होगी
मनु के बोए काँटों की खिली बगिया होगी
काश कभी ना आए वो मंजर
समय ने बदली हो जब करवट भयंकर
काश अभी थम जाए ये पल
और ना आए कभी वो काला कल
काश अभी थम जाए ये पल
काश........
#आँचल
बिल्कुल सही कहा..
ReplyDeleteधन्यवाद अन्नु दीदी
Deleteहमारे blog पर आपका स्वागत है 😊
आने वाले कल की भयावह तस्वीर कितना खौफनाक मंजर होगा जिंदगी जीने के लिये नही सिर्फ मिलेगी भुगतने को ।
ReplyDeleteदारुण सत्य जो कभी सच ना हो
जी बिलकुल सही कहा आपने दीदी जी वाक़ई ज़िंदगी जीने को नही बस भुगतने को मिलेगी
Deleteधन्यवाद 🙇
Bahot acchi aur meaningful Kavita h . Bilkul Sahi baat boli h Tumne , aaz kal tarrki ke Raaste pe chalte hue log prakriti kon bhul gaye h .
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा आपने तरक्की की राह में प्रकृति को भूल गये हैं लोग
Deleteधन्यवाद सुप्रभात
बहुत खूब...
ReplyDeleteवाह!!!
अति आभार सुप्रभात
Deleteअनुपम सृजन
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद नवीन जी
Deleteसुप्रभात सादर
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार २० अप्रैल २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत बहुत धन्यवाद दीदी जी
Deleteहम अवश्य आयेंगे.आभार सुप्रभात
ऐसा कमाल का लिखा है आपने कि पढ़ते समय एक बार भी ले बाधित नहीं हुआ और भाव तो सीधे मन तक पहुंचे !!
ReplyDeleteलिखते वक़्त कलमकार की यही कोशिश होती है की उसके भाव शब्दों के माध्यम से पाठक तक पहुँच जाए
Deleteआप तक हमारी रचना के भाव पहुँच गए रचना सार्थक हुई
आभार
सादर
बहुत खूबसूरत रचना।वाह!!!
ReplyDeleteभाव तो सीधे मन तक पहुंचे...
वाह!!बहुत खूबसूरत रचना!
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना...
ReplyDeleteसुन्दर रचना । आने वाले संकट से आगाह करती कविता।
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा आपने।
सादर