बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Sunday 26 July 2020

ए सभी देश के धीश सुनो



ए सभी देश के धीश सुनो,
नापाक पाक और चीन सुनो,
हम माटी के रखवाले हैं,
कारगिल के वही मतवाले हैं,
जिसने फ़तह की तारीख़ों को 
लहू से लिखना जाना है,
जिसके भुजबल का लोहा 
तीनों काल ने माना है,
जिसके शौर्य और सेना का 
दूजा न कोई सानी है,
चढ़ता सूरज भी जिसको नमन करे
हम रणधीर वही अभिमानी हैं,
हम वंशज मनोज और बत्रा के
सब बिखरे हमसे टकरा के,
हम निश्चित शांति-पुजारी हैं
पर समर-गीत के आशीक भी,
हमे हलके में लेना पड़ेगा भारी 
है चेतावनी यही आख़िरी हमारी,
जो आँख उठाकर तुमने देखा 
तो हमने भी भृकुटी तानी है,
तेरी एक हिमाकत और 
हमारी शमशीर पे गर्दन तुम्हारी है।
#आँचल 
#कारगिल_विजय_दिवस