बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Tuesday, 19 March 2019

नंदलाला मोरे गोपाला मोरे



नन्द्लाला मोरे गोपाला मोरे,
दर्शन को तेरे नैन प्याला भये

गंगा पावन नदी कहलाने लगी,
चरणों को तेरे जो छूके बही

एक नारी बड़ी दुखियारी पड़ी,
कृपा सिंधु कृपा अहील्या को मिली

सुकुमार एक बालक तेरी खोज करें,
दर्शन जो मिले ध्रुव तारा भये

अठ्केली करें वात्सल्य भरे,
ममता को प्रेम गोपीयन से लिये

नन्द्लाला मोरे गोपाला मोरे,
दर्शन को तेरे नैन प्याला भये।

                                                  -आँचल 

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