प्रश्न करूँ तुम से एक बिहारी
विरह काहे बनाई,रे कान्हा विरह काहे बनाई?
लोग कहे सिया बड़ी दुखियारी,
त्यागी गयी स्वामी से नारी,
विरह काहे बनाई रे कान्हा विरह काहे बनाई?
ताने कसे राधा पे बिचारी,
छोड़ गयो जो मदन मुरारी,
विरह काहे बनाई रे कान्हा विरह काहे बनाई?
अपमान मिला मीरा को भारी,
डूबी जो तुझ में गिरधारी,
विरह काहे बनाई रे कान्हा विरह काहे बनाई?
प्रीत लगी तुम संग जो बिहारी,
पीर विरह की लागे प्यारी।।
विरह काहे बनाई रे कान्हा विरह काहे बनाई?
ओ कान्हा विरह काहे बनाई?
-आँचल
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