बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Tuesday, 19 March 2019

मै नारायण की दासी


मै नारायण की दासी मै हरी दर्शन की प्यासी
मोहे पल पल तेरी याद सतावे,
मन व्याकुल तेरे गीत ही गावे,
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ

मै नारायण की दासी मै हरी चरणन को तरसी
तेरी चरण रज निज  माथे लगाऊँ,
नित चरणों की सेवा मै पाऊँ,
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ

मै नारायण की दासी मेरे हरी कण कण के वासी
मम हृदय में वास करो प्रभु,
पूर्ण समर्पण स्वीकार करो प्रभु,
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ
हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ हरी ॐ
                                                  -आँचल

5 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (20-03-2019) को "बरसे रंग-गुलाल" (चर्चा अंक-3280) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    होलिकोत्सव की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर.. ,आप को होली की हार्दिक बधाई

    ReplyDelete
  3. सुंदर प्रस्तुति। होली की शुभकामनाएं।
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
    iwillrocknow.com

    ReplyDelete