बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Wednesday 25 July 2018

मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा

“If death strikes before I prove my blood, I swear I’ll kill Death”

‘अगर मेरे खून को साबित करने से पहले मौत हो जाती है, तो मैं वादा करता हूं, मैं मौत को मारूंगा’.

ये शब्द हैं परम वीर चक्र से सम्मानित करगिल युद्ध के वीर योद्धा कैप्टन मनोज कुमार पांडे के जिसने अपनी अंतिम साँस तक को देश सेवा में तैनात कर वीरगति प्राप्त की।और वर्दी और वतन के प्रति उनकी कर्तव्यनिष्ठा तो देखिए जो खून से लथपथ तन लिए भी आगे बढ़ते हुए  दुश्मनों को ढेर करते रहे और वीरगति प्राप्त करने से पूर्व विजय सुनिश्चित करते हुए अपने जवानों को अंतिम आदेश दिया  कि "छोड़ना मत " और यह कहकर माँ भारती का ये वीर सपूत तिरंगे में लिपट गया और पूरे देश को गौरवान्वित कर गया। 
कैप्टन मनोज कुमार पांडे की इसी वीरता,कर्तव्यनिष्ठा और देश प्रेम को शत शत नमन करते हुए अपनी कलम से कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत करती हूँ



मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा
क़तरा-क़तरा अर्पण तुझे लहू मेरा
गहरा कितना भी हो दुश्मन का घेरा
अटल अडिग रहेगा हौसला मेरा

खौफ नहीं किसी मौत का मुझको
मैं हँस कर बलि चढ़ जाऊँगा
पर काम तेरे ना आ सके जो
एसी मौत को मैं ठुकराऊँगा

रंगूँ लाल तुझे ए करगिल की चोटी
यही कसम आज मैं खाऊँगा
ए माँ तेरे इश्क की खातिर
धूर्तों की लाशें आज बिछाऊँगा

गर छलनी भी हो जाए तन मेरा
नही थमेगा साँसों का फेरा
हर साँस पर कदम बढ़ाऊँगा
कर दूँगा ध्वस्त दुश्मन का डेरा

जिसने बहाया रक्त तेरे वीर पूतों का
उन बुज़दिलों से बदला ले आऊँगा
वो कायर जो छुपकर वार करें
उन्हें उनकी औकात दिखाऊँगा

लहूलुहान इस वर्दी की कसम है
अंतिम बूँद तक फर्ज निभाऊँगा
जब कर लूँगा निश्चित जीत वतन की
तेरी गोदी में माँ सो जाऊँगा

मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा
आज लिपट गया तन तिरंगे में मेरा
दे विदा,स्वीकार अंतिम नमन मेरा
मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा

मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा........

#आँचल 

9 comments:

  1. शत् शत् नमन🙏🙏हृदयस्पर्शी रचना

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  2. निशब्द प्रिय आंचल ,पुरा वाकया और पुरी रचना जैसे अंदर तक हिला गई ।
    ऐसे वीर सपूत को नम आंखों से श्रद्धांंजली और नमन।
    और आपकी अविषमरणिय रचना को साधुवाद।
    अप्रतिम रचना ।

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  3. भारत माता के इस सपूत को कोटिशः नमन!!!
    अर्चना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा मिला ले!!
    देश भक्ति की भावनाओं से ओत प्रोत मर्म स्पर्शी प्रस्तुति!!!आभार और बधाई!!!

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  4. बहुत खूबसूरत रचना
    वीर गाथा आपकी लेखनी से निकल कर
    दिल पे लिख उठी ....लाजवाब प्रस्तुती

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  5. 3 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में शहीद हुए (मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता) कॅप्टन मनोज कुमार पांडे अपने अदम्य साहस और लाजवाब नेतृत्व क्षमता के चलते ख़ासे चर्चित हुए.
    भारत माँ के इस वीर सपूत की क़ुर्बानी देश के हरेक नागरिक के लिये प्रेरणास्त्रोत है. कारगिल दिवस पर हमारा सादर नमन.
    आँचल जी आपने एक जाँबाज़ सैन्य अधिकारी की शहादत को याद करते हुए पाठकों को भावविह्वल कर दिया है.

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  6. प्रिय आंचल अज अपने बहुत ही भावुक कर दिया | धन्य हैं ये सौभाग्यशाली मों के सिरफिरे लाल जिन्होंने माँ भारती की शान की खातिर अपने घर में अंधेरों को बुला लिया |बहुत ही ओजपूर्ण काव्य | जिसके लिए मेरा बहुत बहुत प्यार आपको | और वीर सैनिक मनोज को शत शत नमन !!!!!!! उनका ऋण देश कभी उतार नहीं पायेगा |

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  7. 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
    शब्दों का उठा बवंडर
    आंखों को धुँधलाया है
    माँ का वीर सपूत मनोज का
    स्मरण करवाया है !
    द्रवित नयन लब कम्पित स्वर से
    आँचल जी अब क्या कहे
    बिछड़ा भाई याद आगया
    जो माँ के लिये शहीद हुए !
    नमन नमन नमन

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  8. आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है. 23/07/2018 को https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2018/07/80.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

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  9. सादर नमन वीर सपूत को🙏🙏
    आपकी लेखनी से निसृत भावों की सरिता ने मन को झकझोर दिया आँचल।
    बेहद हृदयस्पर्शी रचना।

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