बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Friday, 13 July 2018

नन्ही सी आज जान हूँ

जब एक 5-6 साल की नन्ही बच्ची के मन में देशभक्ति के भाव उमड़ते हैं तो वो माँ भारती से कुछ इस प्रकार कहती है.....

नन्ही सी आज जान हूँ
कल मैं बड़ी बनूँगी
पहनूँगी शान-ए-वर्दी
सीमा पे मैं लड़ूँगी  -2

आए दुश्मनो की टोली
तो मौत उनको दूँगी
ए माँ तेरी रक्षा को
बंदूक हाथ लूँगी

बलि से ना डरूँगी
बली जोश का धरूँगी
ए माँ तेरे आँचल को
लहू से मैं रंगूँगी

नन्ही सी आज जान हूँ
कल मैं बड़ी बनूँगी
पहनूँगी शान-ए-वर्दी
सीमा पे मैं लड़ूँगी

जो कदमो की ताल दूँगी
दुश्मन भी सकपकाए
रण छोड़ के वो जाए
हुंकार जो भरूँगी

मुण्डमाल शत्रुओं का
अर्पण तुझे करूँगी
ए माँ तेरी खातीर ही
जिऊंगी और मरूँगी

नन्ही सी आज जान हूँ
कल मैं बड़ी बनूँगी
पहनूँगी शान-ए-वर्दी
सीमा पे मैं लड़ूँगी -2

नन्ही सी आज जान हूँ.......

#आँचल

हमारी इस रचना को आप youtube पर भी सुन सकते हैं
https://youtu.be/WSul_IfLaN8
धन्यवाद 

7 comments:

  1. वाह बहुत सुंदर रचना

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    1. हार्दिक आभार आदरणीया अनुराधा जी
      सादर नमन सुप्रभात 🙇

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  2. हृदय स्पर्शी रचना

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया अभिलाषा जी
      सादर नमन सुप्रभात 🙇

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  3. बहुत सुन्दर रचना !

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