बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए
हार्दिक आभार आपका शुभ दिवस
वाह क्या बात है.. जागते रहोख्वाबों के घरौदें तो नींद खुलते ही बिखरते है नशेमन छोटा ही सही पर जागती आंखों के धरातल पर हो। सुंदर और भाव प्रधान रचना
बहुत बहुत धन्यवाद दीदी जी बिल्कुल ठीक कहा आपने आप सदा हमारे शब्दों के पीछे के भाव को बखूबी समझ लेती हैं इसलिए आपकी टिप्पणी मिलते ही एक सुकून आ जाता है की जो लिखा है ठीक है हार्दिक आभार शुभ संध्या 🙇
बहुत ही अच्छा लिखा।
बहुत बहुत धन्यवाद दीदी जी सुप्रभात शुभ दिवस 🙇
हार्दिक आभार आपका शुभ दिवस
ReplyDeleteवाह क्या बात है..
ReplyDeleteजागते रहो
ख्वाबों के घरौदें तो नींद खुलते ही बिखरते है
नशेमन छोटा ही सही पर जागती आंखों के धरातल पर हो।
सुंदर और भाव प्रधान रचना
बहुत बहुत धन्यवाद दीदी जी बिल्कुल ठीक कहा आपने
Deleteआप सदा हमारे शब्दों के पीछे के भाव को बखूबी समझ लेती हैं इसलिए आपकी टिप्पणी मिलते ही एक सुकून आ जाता है की जो लिखा है ठीक है
हार्दिक आभार शुभ संध्या 🙇
बहुत ही अच्छा लिखा।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद दीदी जी सुप्रभात शुभ दिवस 🙇
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