बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Tuesday 3 July 2018

सोई आँखों में जो ख्वाब सजे
वो सजे धरे ही रहते हैं
जागी आँखों में जो ख्वाब सजे
वो ख्वाब ही पूरे होते हैं
#आँचल


नींद में तो हम बस ख्वाब सजा सकते हैं
उन्हें पूरा करना है तो जागना तो पड़ेगा ही
इसलिए जागते रहो......😀
शुभ रात्रि शुभ स्वप्न 

5 comments:

  1. हार्दिक आभार आपका शुभ दिवस

    ReplyDelete
  2. वाह क्या बात है..
    जागते रहो
    ख्वाबों के घरौदें तो नींद खुलते ही बिखरते है
    नशेमन छोटा ही सही पर जागती आंखों के धरातल पर हो।
    सुंदर और भाव प्रधान रचना

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद दीदी जी बिल्कुल ठीक कहा आपने
      आप सदा हमारे शब्दों के पीछे के भाव को बखूबी समझ लेती हैं इसलिए आपकी टिप्पणी मिलते ही एक सुकून आ जाता है की जो लिखा है ठीक है
      हार्दिक आभार शुभ संध्या 🙇

      Delete
  3. बहुत ही अच्छा लिखा।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद दीदी जी सुप्रभात शुभ दिवस 🙇

      Delete