बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Saturday 27 January 2018

चुपके से तितली मैं बन जाऊँ

चुपके से तितली मैं बन जाऊँ

चुपके से तितली मैं बन जाऊँ
हौले से मन के पंख फैलाऊँ
पंख फैलाकर मस्त उड़ जाऊँ
चुपके चुपके चुपके चुपके

चुपके से तितली मैं बन जाऊँ

यूँही बहारों संग बह जाऊँ
रंगो से अपने सब मन छू जाऊँ
गमो को भुलाकर फ़िर से उड़ जाऊँ
चुपके चुपके चुपके चुपके

चुपके से तितली मैं बन जाऊँ

मधुकर के संग नए रागों को गाऊँ
बागों में कुसुम संग मैं खिलखिलाऊँ
फ़िर रस को चुराकर मगन उड़ जाऊँ
चुपके चुपके चुपके चुपके

चुपके से तितली मैं बन जाऊँ
   
                             #आँचल 

36 comments:

  1. Are wah , Bahot acchi Kavita h .lagi raho
    Wase photo me mera naam likh ne ko Kis ne bola tha , m Khud watermark use nahi krti

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    1. अब आप ने ही कहा था की दोस्तों को पूछने की ज़रूरत नही है तो बस बिना पूछे लिख दिया और वैसे भी सबको पता होना चाहिए की इतनी सुंदर pic किसने ली है 😊

      सराहना के लिए अति आभार 😊🙏

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  2. बेहतरीन रचना.... चुपके से तितली मैं बन जाऊँ

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद
      सुप्रभात 🙏

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  3. बहुत सुंदर लिखा है बेटा... Cute सी रचना 👏🏻👏🏻 😊

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  4. मन की कोमल और मासूम भावनाओं का सुंदर पराग।
    अति सुन्दर। आंचल जी।
    शुभ संध्या ।

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    1. बहुत बहुत आभार दीदी जी
      सुप्रभात 🙏😊

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  6. बहुत सुंदर रचना

    तुम तितली बन जाओ
    मैं बन जाऊं तेरा गुलाब।
    तुम सवाल बन जाओ
    मैं बन जाऊं तेरा जवाब।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका 🙏

      आपकी पंक्तिया मनभावन सी है
      बेहद सुंदर 👌
      सुप्रभात 🙏

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  7. आपकी लिखी रचना सोमवारीय विषय विशेषांक "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 29 जनवरी 2018 को साझा की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. जी बिल्कुल आऊँगी Ma'am
      अति आभार आपका
      सुप्रभात 🙏

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  8. Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद 🙏सुप्रभात

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  9. सुंदर कल्पना मै तितली बन जाऊँ

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद
      सुप्रभात 🙏

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  10. बहुत प्यारी रचना आँचल जी..वाह्ह👌👌

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    1. बहुत बहुत आभार दीदी जी आपकी सराहना ने मान बढ़ा दिया मेरी पंक्तियों का
      सुप्रभात 🙏🙏

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  11. बहुत सुंदर मनमोहक रचना

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद दीदी जी 🙏
      शुभ दिवस

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  12. सुंदर कोमल मनोभावों से सजी रचना..

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  13. अति आभार दीदी जी 🙏
    शुभ दिवस

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  14. बहुत सुन्दर
    वाह!!!

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏

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  15. तितली बन जाऊं ! कितनी सुंदर कल्पना !!!!!!!!! सुंदर रचना -----

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    1. This comment has been removed by the author.

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    2. अति आभार सुप्रभात 🙏

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  16. बहुत सुंदर!!

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  17. बहुत सुंदर!!

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  18. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (05-02-2020) को    "आया ऋतुराज बसंत"   (चर्चा अंक - 3602)    पर भी होगी। 
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
     --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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    1. मेरी इस पुरानी और साधारण सी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय सर। सादर प्रणाम 🙏

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  19. मधुकर के संग नए रागों को गाऊँ
    बागों में कुसुम संग मैं खिलखिलाऊँ
    फ़िर रस को चुराकर मगन उड़ जाऊँ
    चुपके चुपके चुपके चुपके

    बहुत ही सुंदर ,हर दिल की यही ख्वाहिश होती हैं ,सादर

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    1. उत्साहवर्धन हेतु बेहद शुक्रिया आदरणीया मैम। सादर प्रणाम 🙏

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