हर अलाव कुछ कहता है
हर अलाव कुछ कहता है
जीवन को रूप नया देता है
जो सीखा इसने जलते जलते
बुझकर वो सीख सिखाता है
खुद जल कर ये राख हो जाता
पर राहतों की मुस्कान दे जाता
गैरों के सुख में सुख को ढूँढ़ो
जीने का ये बेहतर ढंग सिखाता
वर्तमान का बोध कराता
कर्म का अहम पाठ पढ़ाता
समय यही है कुछ कर जाने का
बुझ कर ये तन कुछ काम ना आता
क्षणभंगुर इस जग में बंदे
गुरूर कहाँ टिक पाता
गरमाहट दे जो त्याग,प्रेम की
वो मर कर अमर हो जाता
हर अलाव कुछ कहता है
जीवन को रूप नया देता है
जो सीखा इसने जलते जलते
बुझकर वो सीख सिखाता है
-आँचल
हर अलाव कुछ कहता है
जीवन को रूप नया देता है
जो सीखा इसने जलते जलते
बुझकर वो सीख सिखाता है
खुद जल कर ये राख हो जाता
पर राहतों की मुस्कान दे जाता
गैरों के सुख में सुख को ढूँढ़ो
जीने का ये बेहतर ढंग सिखाता
वर्तमान का बोध कराता
कर्म का अहम पाठ पढ़ाता
समय यही है कुछ कर जाने का
बुझ कर ये तन कुछ काम ना आता
क्षणभंगुर इस जग में बंदे
गुरूर कहाँ टिक पाता
गरमाहट दे जो त्याग,प्रेम की
वो मर कर अमर हो जाता
हर अलाव कुछ कहता है
जीवन को रूप नया देता है
जो सीखा इसने जलते जलते
बुझकर वो सीख सिखाता है
-आँचल
Very Good keep up writing 👌👍👍👍
ReplyDeletethank you so much 🙏
DeleteVery well Written बेटा... 😊👌🏻👌🏻👌🏻
ReplyDeleteइसे कहते हैं जान फूंकना...
बहुत बहुत धन्यवाद भइया जी 🙏
Deleteहमे पता था आपका comment ज़रूर आयेगा...बस इसी तरह अपना स्नेह और आशीष हम पर बनाए रखिएगा 🙏🙏😊