देखो ऋतुराज बसंत है आया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
उत्सव उमंग के रंग है लाया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
जब सुनी कलरव की हिंडोल नाद
और बही बसंत की मस्त बहार
तब नव उत्थान का समय है आया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
जब अलसी संग नाचे कुसुम
और सजी धरती जैसे सुंदर कुंज
तब सरसों ने ब्याह रचाया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
जब पेड़ों पे पल्लव आए
और भौरों ने सोहर गाए
तब प्रकृति ने उत्सव मनाया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
उत्सव उमंग के रंग है लाया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
-आँचल
देखो ऋतुराज बसंत है आया
उत्सव उमंग के रंग है लाया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
जब सुनी कलरव की हिंडोल नाद
और बही बसंत की मस्त बहार
तब नव उत्थान का समय है आया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
जब अलसी संग नाचे कुसुम
और सजी धरती जैसे सुंदर कुंज
तब सरसों ने ब्याह रचाया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
जब पेड़ों पे पल्लव आए
और भौरों ने सोहर गाए
तब प्रकृति ने उत्सव मनाया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
उत्सव उमंग के रंग है लाया
देखो ऋतुराज बसंत है आया
-आँचल
Wah, Bahot accha likha h.
ReplyDeleteजी धन्यवाद 🙏
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteBahot accha kiya jo blog create kr liya. Acchi setp h
DeleteAur poems hamesha ki traha kamaal ki h
Bahot accha kiya jo blog create kr liya. Acchi setp h
DeleteAur poems hamesha ki traha kamaal ki h
बहुत बहुत धन्यवाद मंजु जी
Deleteशुभ रात्रि 🙏
सुन्दर प्रस्तुति आँचल जी।
ReplyDeleteजी अति आभार 🙏
Deleteबहुत ही सुंदर बासंती गीत प्रिय आँचल ,स्नेह
ReplyDeleteबहुत सुंदर
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