ये कैसा गणतंत्र है
ये कैसा गणतंत्र है
जहाँ बस कपटों का तंत्र है
जिस देश की भूमि तिलक लगाती
चंदन सम लहू बलिदानों की
उसी देश में छीन जाती थाली
माटी के वीर किसानों की
जहाँ पूजी जाती है नारी
नदियों और पाषाणों में
वही तौल दी जाती है वो
रसमो के बाज़ारों में
जिस देश का आज पहुँच गया
दुनिया के सभी ठिकानों पर
उस देश का कल भटक रहा
दो रोटी को चौराहों पर
ये कैसा गणतंत्र है
जहाँ बस कपटों का तंत्र है
माना भारत है देश महान
पर कमियों से ना रहो अंजान
जो बसती हो अगर भारत में जान
तो दे दो भारत को नयी पहचान
वरना फ़िर सवाल उठ जायेंगे
जो मन को ठेस पहुँचायेंगे
की.....
ये कैसा गणतंत्र है
जहाँ बस कपटों का तंत्र है
#आँचल
ये कैसा गणतंत्र है
जहाँ बस कपटों का तंत्र है
जिस देश की भूमि तिलक लगाती
चंदन सम लहू बलिदानों की
उसी देश में छीन जाती थाली
माटी के वीर किसानों की
जहाँ पूजी जाती है नारी
नदियों और पाषाणों में
वही तौल दी जाती है वो
रसमो के बाज़ारों में
जिस देश का आज पहुँच गया
दुनिया के सभी ठिकानों पर
उस देश का कल भटक रहा
दो रोटी को चौराहों पर
ये कैसा गणतंत्र है
जहाँ बस कपटों का तंत्र है
माना भारत है देश महान
पर कमियों से ना रहो अंजान
जो बसती हो अगर भारत में जान
तो दे दो भारत को नयी पहचान
वरना फ़िर सवाल उठ जायेंगे
जो मन को ठेस पहुँचायेंगे
की.....
ये कैसा गणतंत्र है
जहाँ बस कपटों का तंत्र है
#आँचल
Bahot accha likha h aur sahi bho
ReplyDeleteThank you sooo much 😊
Deleteकटुसत्य साफ दिखता है पर देखना कोई नही चाहता आज पूर्ण शब्दों से प्रहार करती सटीक रचना।
ReplyDeleteयद्यपि दीन दुखी गारत है पर भारत के सम भारत है...
क्योंकि वो हमारा देश है हमारी जिम्मेदारी है। हम सब की प्रतिबद्धता है।
नमन अतिसुन्दर रचना।
जी बिल्कुल सही कह रही है आप ये देश हमारा है इसलिए ज़िम्मेदारी भी हमारी है
Deleteमाना भारत की महानता के आगे कोई नही खड़ा हो सकता पर फ़िर भी अभी बहुत सी कमिया है भारत में जिसे सुधारना हमारा कर्तव्य है ताकी किसी और को मौका ना मिले हमारे देश की कमी निकालने का
अपनी प्रतिक्रिया के द्वारा हमारे भावों को सराहने के लिए हम आभारी है आपके
Deleteधन्यवाद शुभ संध्या 🙏🙏😊