बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Friday, 18 October 2019

सुख क्या है?

दिनांक 
06/09/2017


सुख क्या है?
इस भौतिक संसार में सबके लिये भिन्न है सुख की परिभाषा ।  कोई धन,कोई वैभव, कोई विश्राम को सुख कहता है  पर ये सब कुछ पल के सुख हैं,अस्थिर हैं।  सच्चा सुख क्या है ये कुछ ही मनुष्य समझते हैं,सच्चा सुख इन नश्वर पदार्थों से परे है। जो  परमानंद की स्थिति में इंद्रियों को अनुभव होता है वही दिव्य सुख है।

वास्तव में सुख या दुख का अनुभव हमारी चेतना करती है ये भौतिक शरीर नहीं,यथार्थ सुख व आनंद प्राप्त करने के लिये हमे इन भौतिक इंद्रियों से परे जाना होगा,अपने अंतःकरण में परमात्मा में चित् को एकाग्र करके,अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करके सुख का अनुभव करना होगा।

वास्तविक सुख प्राप्त करने हेतु हमे कृष्ण भावनामृत की ओर बढ़ना होगा। जैसे जैसे हम इस ओर बढ़ेंगे हम आध्यात्मिक आनंद को सहज रूप से अनुभव करने लगेंगे और इस झूठे भौतिक सुख से विरक्त होने लगेंगे,और इस सुख का अनुभव करने के पश्चात साधक के लिये कोई और सुख बड़ा नहीं होगा, फिर वो बड़े से बड़े दुख से भी विचलित नहीं होगा, फिर उसके लिये इस भौतिक जगत की बड़ी से बड़ी उपलब्धि भी तुच्छ है।

                  जय श्री हरी

2 comments:

  1. जी नमस्ते,


    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (21-10-2019) को (चर्चा अंक- 3495) "आय गयो कम्बखत, नासपीटा, मरभुक्खा, भोजन-भट्ट!" पर भी होगी।
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    रवीन्द्र सिंह यादव

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    1. चर्चा मंच पर हमारे इस छोटे से लेख को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार आदरणीय सर सादर नमन शुभ संध्या।

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