आज मेरी एक प्यारी सी दोस्त ने उत्साहवर्धन हेतु मुझसे अंग्रेजी का एक वाक्य कहा ' Fly bird you are born with wings' इसे पढ़कर हम उसे आभार व्यक्त करने जा ही रहे थे कि यकायक मेरे मन में एक भाव उठा। अब ये भाव कितना उचित है और कितना अनुचित ये आप गुणीजन बेहतर समझेंगे।
जो पंख लगे तो उड़ जाऊँ
दंभी अंबर के आलिंगन को
जो बढ़ूँ तो अंतर बढ़ाता है
प्रभुता को अपने इतराता है
क्यू छोड़ जाऊँ इस धरती को
जो गिरते को भी अपनाती हैं
ज़ुल्मी हो या धर्मी
सबको अंतर में अपने बसाती है
चलो कहती हो तो उड़ जाऊँगी
एक नही कई बार उड़ूँगी
बस अंबर को इतना सिखलाने
है महान वही जो झुकना जाने
जो जाने बिन माँगे बस देना
प्रेम सुधा में सबको भिगोना
तज मान,ईश हो जाना
फिर भी सम धरा
भाव सेवा का रखना
#आँचल
जो पंख लगे तो उड़ जाऊँ
दंभी अंबर के आलिंगन को
जो बढ़ूँ तो अंतर बढ़ाता है
प्रभुता को अपने इतराता है
क्यू छोड़ जाऊँ इस धरती को
जो गिरते को भी अपनाती हैं
ज़ुल्मी हो या धर्मी
सबको अंतर में अपने बसाती है
चलो कहती हो तो उड़ जाऊँगी
एक नही कई बार उड़ूँगी
बस अंबर को इतना सिखलाने
है महान वही जो झुकना जाने
जो जाने बिन माँगे बस देना
प्रेम सुधा में सबको भिगोना
तज मान,ईश हो जाना
फिर भी सम धरा
भाव सेवा का रखना
#आँचल
ध
ReplyDeleteबहुत बहुत सुंदर सटीक,रचना वास्तविकता के धरातल पर जीने का आह्वान करती । धरा के हैं हम क्यों न
निशाने धरा पर ढ़ूढ़ें
रहने दो सितारों को फलक पर
यहीं कुछ सुंदर नजारे ढ़ूढ़ें ।
वाह वाह क्या बात
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना
ReplyDeleteवाह
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