छत पर बैठे थे कौआ जी
और कमरा छत का खुला हुआ
जी कौआ जी का डोल गया
भीतर चुपके से प्रवेश हुआ
जो देखा भीतर कोई नही
तो मस्ती थोड़ी सूझ गयी
इधर उधर गर्दन मटकाते
फुदक फुदक कर कमरा नापें
सामानों पर चोंच को मारें
पंखे पर झूलें,धूम मचायें
दर्पण में देख देख इतरायें
ज़ोर से गाए काँए काँए
तभी पिंजरे से बोले तोता जी
चुप करिए काले कौआ जी
क्यू इतना चिल्लाते हैं
बेसुरा कितना गाते हैं
रंग आपका काला कितना
क्या इस पर इतराना इतना
देखिए मुझे मैं हरा भरा
सुंदर कितना दिखता हूँ
मिर्ची जो रोज़ मैं खाता हूँ
मिट्ठू मिट्ठू गाता हूँ
कुछ रुक कर बोले कौआ जी
हे प्यारे तोता भइया जी
आप होकर सुंदर पिंजरे में बैठे
मैं मस्त गगन में उड़ता हूँ
सच है सुर मेरा बहुत बुरा
पर गीत खुशी के गाता हूँ
हूँ काला पर दिलवाला हूँ
इसीलिए इतराता हूँ
यूँ कह दो चोंच पिंजरे पर मारे
तो तोता जी आज़ाद हुए
करो क्षमा हे कौआ भइया जी
हम तो कितने नादान रहे
रूप,रंग के चक्कर में
मन की सुंदरता भूल गये
तो हँस कर बोले कौआ जी
भूलिए भूल को भइया जी
अब प्रेम से दोनों गले लगें
और आसमान में फूर्र उड़े
#आँचल
वाह!!प्रिय आँचल ,बहुत प्यारी कविता लिखी आपने बच्चों के लिए ..।
ReplyDeleteआपकी इस प्यारी सी टिप्पणी ने मन में जो उत्साह बढ़ाया है उस हेतु खूब आभार आदरणीया दीदी जी। सादर नमन सुप्रभात 🙏
Deleteसही कहा रूप रंग के चक्कर में कभी नहीं पड़ना चाहिए ...पिंजरे में कैद सुंदरता किस काम की. बहुत अंतराल के बाद तुमने प्रस्तुति डाली है पर देर से ही सही बहुत कमाल की रचना तुमने लिख डाली ...मानवीय सोचो का सुंदर मानवीकरण करती सार्थक रचना
ReplyDeleteमेरी रचना का सार प्रस्तुत करती आपकी इस प्यारी सी टिप्पणी हेतु हृदयतल से हार्दिक आभार आदरणीया दीदी जी।
Deleteदरसल इधर थोड़ी व्यस्तता ज्य्दा है तो ना ज्य्दा आप लोगों को पढ़ पा रहे ना ज्य्दा लिख पा रहे। पर फिर भी प्रयास करूँगी कि निरंतरता बनी रहे।
उत्साहवर्धन हेतु पुनः आभार 🙏सादर नमन सुप्रभात।
रूप,रंग के चक्कर में
ReplyDeleteमन की सुंदरता भूल गये .... वाह! पूरी कविता ने बड़ी सरलता से जीवन के एक अद्भुत दर्शन को बाँच दिया है। बधाई और आभार।
मेरे इस छोटे से प्रयास पर आपकी ये प्रतिक्रिया आशीर्वाद तुल्य है आदरणीय सर। हार्दिक आभार आपका। सादर नमन सुप्रभात 🙏
Deleteवाह प्रिय आंचल बहुत सरस सहज सुंदर सृजन ।
ReplyDeleteबच्चों के लिए सुंदर मनोरंजक प्रस्तुति और बड़ों के लिए सीख देती रचना ।
सस्नेह।
आदरणीया दीदी जी आपकी नेह युक्त सुंदर प्रतिक्रिया हेतु हम और हमारी पंक्तियाँ सदैव लालायित रहते हैं। उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार आपका।
Deleteसादर नमन सुप्रभात 🙏
वाह क्या सुंदर लिखा आँचल।
ReplyDeleteबाल साहित्य की पठनीय और ज्ञानवर्धक सामग्री विरल होती उपलब्धता में आपका यह सृजन बेहद बहुमूल्य है।
सराहनीय संदेशात्मक रचना के लिए बधाई।
आपको मेरी पंक्तियाँ पसंद आयी बस मेरा प्रयास सार्थक हुआ। आपकी सुंदर प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार आदरणीया दीदी जी 🙏
Deleteआज बाल साहित्य ना केवल बच्चों की अपितु साहित्यकारों की भी दूरी बढ़ गयी है बस उसी दूरी को घटाने की ओर ये मेरा प्रथम प्रयास है पर अच्छी बात यह है कि अब बहुत से साहित्यकारों ने बाल साहित्य के महत्व को समझते हुए उसे पुनः उठाने के कई सार्थक प्रयास आरंभ कर दिए हैं जिसका शुभ परिणाम हमे जल्द मिलेगा।
पुनः आभार आपका दीदी जी। सादर नमन सुप्रभात 🙏
चर्चा मंच पर स्थान देने हेतु हार्दिक आभार आदरणीय सर।
ReplyDeleteसादर नमन सुप्रभात 🙏
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 07 नवंबर 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
पाँच लिंको के आनंद पर स्थान प्राप्त करना तो मेरी पंक्तियों का सौभाग्य होगा। आदरणीय सर बेहद शुक्रिया हम निश्चित ही उपस्थित रहेंगे।
Deleteसादर नमन सुप्रभात 🙏
वाह! क्या लेखनी है। अद्भुत। लयबद्ध तरिके से और पढते वक्त मुख पे एक मुस्कान के साथ बहुत बढ़िया सीख सिखाया आपने।
ReplyDeleteउत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार आदरणीय शाह जी।सादर नमन सुप्रभात 🙏
Deleteरूप रंग बहुत छोटी चीजें हैं जिसको देख के इतराना और खुश होना नासमझी है।मन साफ और स्वतंत्र हो खुशी अंदर से झलकती है।
ReplyDeleteसुंदर कविता के माध्यम से बहुत उचित सन्देश।
मेरी नई पोस्ट पर स्वागत है👉👉 जागृत आँख
उत्साहवर्धन करते हुए एक उत्तम संदेश देती आपकी सुंदर प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार आदरणीय सर। आपकी नई पोस्ट के लिए ढेरों शुभकामनाएँ हम निश्चित ही उपस्थित रहेंगे।सादर नमन सुप्रभात 🙏
Deleteहे प्यारे तोता भइया जी
ReplyDeleteआप होकर सुंदर पिंजरे में बैठे
मैं मस्त गगन में उड़ता हूँ
सच है सुर मेरा बहुत बुरा
पर गीत खुशी के गाता हूँ
बड़े ही भोलेपन से आपने जीवन की सच्ची सीख दे दी ,सुंदर भाव और सच्ची सीख देती बेहद प्यारी रचना आँचल जी
उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार आदरणीया मैम।सादर नमन सुप्रभात 🙏
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