बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Tuesday, 14 December 2021

आज पर अधिकार

'कल' अनंत है,
जो बीत गया वह भी 
और जो आनेवाला है वह भी
'आज' का अंत है,
इसलिये इसका अधिक महत्व है,
'कल' पर कल का अधिकार है 
और कल का ही रहेगा,
'आज' पर अबतक किसी का अधिकार नही,
इसलिए इसपर अपना अधिकार कीजिए,
और आज ही 'आज' के बीतने से पहले
आज के तय सब कार्य कीजिए,
अन्यथा 'आज' बीत जाएगा 
और कार्य रह जाएगा
और 'आज' पर 'कल' का अधिकार हो जाएगा।
#आँचल 

7 comments:

  1. बहुत सुंदर रचना।

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  2. और आज ही 'आज' के बीतने से पहले
    आज के तय सब कार्य कीजिए...वाह आंचल जी लाजवाब...

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  3. संदेशप्रद सुंदर रचना।

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  4. जो बीत रहा है पल
    बस वही अपना है
    जी लो इस पल को
    ....
    सत्य है आँचल।
    सकारात्मकता से परिपूर्ण सुंदर सृजन।
    सस्नेह।

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  5. कल अनंत है
    आज' के बीतने से पहले
    आज के तय सब कार्य कीजिए
    वाह!!!
    बहुत सटीक , सार्थक एवं लाजवाब।

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  6. बहुत बढियां अभिव्यक्ति

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  7. वाह आंचल !
    तुम तो - 'काल करे सो आज कर' कहने वाले कबीर की शिष्या जान पड़ती हो !

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