बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Friday, 6 September 2019

भजो रे मन राधे राधे



बिरज गली मच गया शोर
भजो रे मन राधे राधे -2
भजो रे मन राधे श्री राधे श्री राधे -2
बिरज गली मच गया  शोर.......

देखो कीर्ति के आँगन
किशोरी जी पधारी
सोहर गाओ रे सखी
बड़ी मंगल घड़ी आयी
और बधाई का पीट के ढोल
भजो रे मन राधे राधे

बिरज गली मच गया शोर.......

चंचला के नयन
सखी कजरा सजा दे
है वृषभानु दुलारी
सखी झूला झुला दे
और अरबी लगाकर भोग
भजो रे मन राधे राधे

बिरज गली मच गया शोर.......

#आँचल


3 comments:


  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (08-09-2019) को " महत्व प्रयास का भी है" (चर्चा अंक- 3452) पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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  2. सरस सुमधुर सृजन ।

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