बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए
सुन्दर
धन्यवाद सर 🙏
वाह!न्यूनतम शब्दों में व्यापक संदेश देती रचना. इंसान की अंतहीन भूख ख़ुद को खाकर ही मिटती है.
इंसान रेस में है ... खुद को भी देख नहीं पता ...
सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद सर 🙏
Deleteवाह!
ReplyDeleteन्यूनतम शब्दों में व्यापक संदेश देती रचना. इंसान की अंतहीन भूख ख़ुद को खाकर ही मिटती है.
धन्यवाद सर 🙏
Deleteइंसान रेस में है ... खुद को भी देख नहीं पता ...
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