बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए
सुन्दर
अफसोस हम चिंताओं की अग्नि में ही जलते रहते है ।
सुन्दर
ReplyDeleteअफसोस हम चिंताओं की अग्नि में ही जलते रहते है ।
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