बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए
सुन्दर
वाह!न्यूनतम शब्दों में व्यापक संदेश देती रचना. इंसान की अंतहीन भूख ख़ुद को खाकर ही मिटती है.
सुन्दर
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteन्यूनतम शब्दों में व्यापक संदेश देती रचना. इंसान की अंतहीन भूख ख़ुद को खाकर ही मिटती है.