बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Monday, 4 September 2023

मैं सजनी बनी श्याम पिया की

 


मैं सजनी बनी श्याम पिया की

अद्भुत कर शृंगार चली

मैं सजनी बनी श्याम पिया की।

प्रीत-डगर पे चलते-चलते 

झाँझर रीत की तोड़ चली

छूट गई माया कंचन की 

वैराग्य की चूनर ओढ़ चली

पंच-रत्न की सजा के वेदी 

सप्त-भुवन को लाँघ चली 

मैं सजनी बनी श्याम पिया की 

अद्भुत कर शृंगार चली।


#आँचल 


2 comments:

  1. बहुत सुन्दर !
    लेकिन ये - 'वैराग्य की चूनर ओढ़ चली' वाला समय अभी तुम दादी-नानी की उम्र वालों के लिए छोड़ दो.

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