इकतीसवी विवाह वर्षगाँठ के सुअवसर पर मेरे प्यारे से मम्मी-डैडी को अनंत बधाई,शुभकामनाएँ और ढेर सारे प्यार संग कुछ पंक्तियाँ अर्पित हैं 🙏💕
हे शतकोटि अंबर सम ऊँचे,
विमल धरित्रि सम गुण भींचे,
हे भवभूषण,हे त्रिपुरसुंदरी,
हे मधु से मधुर आम्र मंजरी,
हम बालक भँवरा सम डोलें,
वात्सल्य-सुधा-रस का सुख भोगें,
अमृत है सौभाग्य हमारा,
भव-सिंधु में आप किनारा,
संघर्ष-सुवन में बाबा ही छाँव,
आँचल में ममता का गाँव,
इन चरणों की क्या कीरति गाँऊ?
जिन चरणों में हो हरि का ठांव
कौन सुरेश्वर? कौन जगतपति?
आप में ही त्रिलोक,सुख,संपत्ति,
हे करुणेश्वर,क्षमा के सागर,
आप से ही भरे ज्ञान-गुण-गागर,
हम मूढ़ी,अपराध ही जाने,
सेवन-पूजन की विधि क्या जाने,
श्रद्धा से जो शीश नवाएँ,
बैकुंठपति के दर्शन पायें।
#आँचल