“If death strikes before I prove my blood, I swear I’ll kill Death”
‘अगर मेरे खून को साबित करने से पहले मौत हो जाती है, तो मैं वादा करता हूं, मैं मौत को मारूंगा’.
ये शब्द हैं परम वीर चक्र से सम्मानित करगिल युद्ध के वीर योद्धा कैप्टन मनोज कुमार पांडे के जिसने अपनी अंतिम साँस तक को देश सेवा में तैनात कर वीरगति प्राप्त की।और वर्दी और वतन के प्रति उनकी कर्तव्यनिष्ठा तो देखिए जो खून से लथपथ तन लिए भी आगे बढ़ते हुए दुश्मनों को ढेर करते रहे और वीरगति प्राप्त करने से पूर्व विजय सुनिश्चित करते हुए अपने जवानों को अंतिम आदेश दिया कि "छोड़ना मत " और यह कहकर माँ भारती का ये वीर सपूत तिरंगे में लिपट गया और पूरे देश को गौरवान्वित कर गया।
कैप्टन मनोज कुमार पांडे की इसी वीरता,कर्तव्यनिष्ठा और देश प्रेम को शत शत नमन करते हुए अपनी कलम से कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत करती हूँ
मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा
क़तरा-क़तरा अर्पण तुझे लहू मेरा
गहरा कितना भी हो दुश्मन का घेरा
अटल अडिग रहेगा हौसला मेरा
खौफ नहीं किसी मौत का मुझको
मैं हँस कर बलि चढ़ जाऊँगा
पर काम तेरे ना आ सके जो
एसी मौत को मैं ठुकराऊँगा
रंगूँ लाल तुझे ए करगिल की चोटी
यही कसम आज मैं खाऊँगा
ए माँ तेरे इश्क की खातिर
धूर्तों की लाशें आज बिछाऊँगा
गर छलनी भी हो जाए तन मेरा
नही थमेगा साँसों का फेरा
हर साँस पर कदम बढ़ाऊँगा
कर दूँगा ध्वस्त दुश्मन का डेरा
जिसने बहाया रक्त तेरे वीर पूतों का
उन बुज़दिलों से बदला ले आऊँगा
वो कायर जो छुपकर वार करें
उन्हें उनकी औकात दिखाऊँगा
लहूलुहान इस वर्दी की कसम है
अंतिम बूँद तक फर्ज निभाऊँगा
जब कर लूँगा निश्चित जीत वतन की
तेरी गोदी में माँ सो जाऊँगा
मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा
आज लिपट गया तन तिरंगे में मेरा
दे विदा,स्वीकार अंतिम नमन मेरा
मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा
मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा........
#आँचल
‘अगर मेरे खून को साबित करने से पहले मौत हो जाती है, तो मैं वादा करता हूं, मैं मौत को मारूंगा’.
ये शब्द हैं परम वीर चक्र से सम्मानित करगिल युद्ध के वीर योद्धा कैप्टन मनोज कुमार पांडे के जिसने अपनी अंतिम साँस तक को देश सेवा में तैनात कर वीरगति प्राप्त की।और वर्दी और वतन के प्रति उनकी कर्तव्यनिष्ठा तो देखिए जो खून से लथपथ तन लिए भी आगे बढ़ते हुए दुश्मनों को ढेर करते रहे और वीरगति प्राप्त करने से पूर्व विजय सुनिश्चित करते हुए अपने जवानों को अंतिम आदेश दिया कि "छोड़ना मत " और यह कहकर माँ भारती का ये वीर सपूत तिरंगे में लिपट गया और पूरे देश को गौरवान्वित कर गया।
कैप्टन मनोज कुमार पांडे की इसी वीरता,कर्तव्यनिष्ठा और देश प्रेम को शत शत नमन करते हुए अपनी कलम से कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत करती हूँ
मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा
क़तरा-क़तरा अर्पण तुझे लहू मेरा
गहरा कितना भी हो दुश्मन का घेरा
अटल अडिग रहेगा हौसला मेरा
खौफ नहीं किसी मौत का मुझको
मैं हँस कर बलि चढ़ जाऊँगा
पर काम तेरे ना आ सके जो
एसी मौत को मैं ठुकराऊँगा
रंगूँ लाल तुझे ए करगिल की चोटी
यही कसम आज मैं खाऊँगा
ए माँ तेरे इश्क की खातिर
धूर्तों की लाशें आज बिछाऊँगा
गर छलनी भी हो जाए तन मेरा
नही थमेगा साँसों का फेरा
हर साँस पर कदम बढ़ाऊँगा
कर दूँगा ध्वस्त दुश्मन का डेरा
जिसने बहाया रक्त तेरे वीर पूतों का
उन बुज़दिलों से बदला ले आऊँगा
वो कायर जो छुपकर वार करें
उन्हें उनकी औकात दिखाऊँगा
लहूलुहान इस वर्दी की कसम है
अंतिम बूँद तक फर्ज निभाऊँगा
जब कर लूँगा निश्चित जीत वतन की
तेरी गोदी में माँ सो जाऊँगा
मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा
आज लिपट गया तन तिरंगे में मेरा
दे विदा,स्वीकार अंतिम नमन मेरा
मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा
मैं मनोज माँ लाल हूँ तेरा........
#आँचल