पुलकित पल्लव,सुरभित मुकुल,
कुमुद,खग कलरव करत वंदना
सोम,मुकुंदा,शिव,गंग,सविता
पद विमला की करत अर्चना
नृत राग,रागिनी,भू,नभ,उदधि,
कोपल,बाली करे रंजना
हे वाग्देवी हे ज्ञान की सरिता
ललित,निरंजन,शक्ति स्वरूपा
तुम्ही ज्योत्सना करती तम भंजन
हर लो विकार कर दो मन कंचन
ऋद्धि,सिद्धि,सुर,गुण तुम ज्योति
काम,क्रोध मोह,लोभ को हरती
तुम शतरूपा,शारदा,सुवासिनी
पद्माक्षी,मालिनी,सौदामिनी
शुभ,मंगल की तुम माँ द्योतक
पाप,दोष हर लो तुम मोचक
नव उत्थान वर दो वरदायनी
भव बंधन मुक्त करो मोक्षदायनी
ऋतु बसंत सुंदर तिथि पंचम
ओढे पीत चुनरिया खेत लगे दुल्हन
करे नमन तुम्हे धरती का कण कण
स्वीकार करो माँ मेरा भी वंदन
जय माँ सरस्वती
#आँचल
सोम,मुकुंदा,शिव,गंग,सविता
पद विमला की करत अर्चना
नृत राग,रागिनी,भू,नभ,उदधि,
कोपल,बाली करे रंजना
हे वाग्देवी हे ज्ञान की सरिता
ललित,निरंजन,शक्ति स्वरूपा
तुम्ही ज्योत्सना करती तम भंजन
हर लो विकार कर दो मन कंचन
ऋद्धि,सिद्धि,सुर,गुण तुम ज्योति
काम,क्रोध मोह,लोभ को हरती
तुम शतरूपा,शारदा,सुवासिनी
पद्माक्षी,मालिनी,सौदामिनी
शुभ,मंगल की तुम माँ द्योतक
पाप,दोष हर लो तुम मोचक
नव उत्थान वर दो वरदायनी
भव बंधन मुक्त करो मोक्षदायनी
ऋतु बसंत सुंदर तिथि पंचम
ओढे पीत चुनरिया खेत लगे दुल्हन
करे नमन तुम्हे धरती का कण कण
स्वीकार करो माँ मेरा भी वंदन
जय माँ सरस्वती
#आँचल