सूरज चाचा एक बात बताओ
क्या लगे नींद नही तुमको प्यारी?
तुम सुबह सवेरे जग जाते हो,
जग जाती है दुनिया सारी।
क्या छड़ी है कोई पास तुम्हारे
जिससे डरते चांद और तारे?
नभ में खेल रहे थे सारे
देख तुम्हें भागे बेचारे।
दो पल भी तुमसे देर ना होती!
क्या घड़ी भी तुमसे पूछ के चलती?
हरी- भरी यह सुंदर धरती
क्यों देख तुम्हें इतना हर्षाती?
चीं-चीं करती चिड़िया जागी,
पेड़ पे बैठी कोयल गाती,
गीत सुनाकर मुझे जगाती,
स्वप्न लोक से मुझे बुलाती।
मैं रानी गुड़िया बन घूम रहीं थी,
मीठे सपने देख रही थी,
जो माँ-बाबा के नाम को रोशन कर दे
वो तारे अंबर से माँग रही थी।
तभी तुम्हारी किरणों ने आकर
सपने मेरे तोड़ दिए,
जो तारे माँगे थे अंबर से,
वो अंबर में ही छोड़ दिए।
हा हा हा हा,हा हा हा हा,
पेट पकड़ हँसे सूरज चाचा,
बोले मन तेरा भोला कितना?
क्या सोकर पूरा होता कोई सपना?
अब सोचो जो एक दिन ना आता मैं,
अंबर से दूर कहीं सो जाता मैं,
अंधियारा जग में छा जाता,
रंग सुंदर धरती का खो जाता।
जो देख रहे यह फूल खिले,
मँडराते इनपर कितने भँवरे!
बेचारे सब मुरझा जाते,
क्या तब भँवरे रस चखने आते?
ये चीं चीं करती चिड़िया रानी
क्या दाना लाने जा पाती?
भूख से रोते बच्चों का अपने
पेट कहाँ से भर पाती?
सपनों सी सुंदर इस धरती का
एक दिन में रूप बदल जाता,
ना कोयल गीत सुना पाती,
ना मयूरा नाच दिखा पाता।
इसीलिए तो प्यारे बच्चों
मैं ठीक समय पर आता हूँ,
संग आशा की किरणें लाता हूँ,
अँधेरे को दूर भगाता हूँ।
जगाता हूँ तुम सबको,
आगे बढ़ने की राह दिखाता हूँ,
धरती को रंग सुंदर देकर,
अपने सपने पूरा करता हूँ।
ना सोता हूँ,बस जागा हूँ,
यह पाठ तुम्हें भी पढ़ाता हूँ।
जो सोता वो सब खोता है
जो जागा वो सूरज बनता है।
दमकता है इतना कि
सारे जग को रोशन करता है,
नतमस्तक होकर जग सारा
अभिनंदन उसका करता है।
#आँचल
वाह!अद्भुत रचना।सराहना से परे।
ReplyDeleteउत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय सर। सादर प्रणाम 🙏
Deleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteउत्साहवर्धन हेतु बेहद शुक्रिया आदरणीय सर। सादर प्रणाम 🙏
Deleteबहुत सुंदर बाल रचना प्रिय आँचल।
ReplyDeleteबाल साहित्य सृजन के प्रति आपकी रुचि और जागरूकता बेहद सराहनीय है। शुभकामनाएँ स्वीकार करें।
बाल साहित्य की ओर मेरी उन्मुखता हेतु तो हम आदरणीय रवीन्द्र सर के आभारी हैं। आदरणीया दीदी जी आपकी नेह आशीष युक्त शुभकामनाओं हेतु हम सदा लालायित रहते हैं। हृदय से आपका आभार सादर प्रणाम 🙏
Deleteमंच पर मेरी इस साधारण सी रचना को स्थान देकर मेरा उत्साह बढ़ाने हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय सर। सादर प्रणाम 🙏
ReplyDeleteमेरी साधारण सी पंक्तियों को ' पाँच लिंको के आनंद ' पर स्थान देकर आपने मेरा खूब उत्साह बढ़ाया आदरणीय सर इस हेतु आपका हार्दिक आभार। सादर प्रणाम 🙏
ReplyDeleteआदरणीया दीदी जी मेरी इस साधारण सी बाल कविता को पुनः ' चर्चा मंच ' पर स्थान देकर आपने मेरा खूब उत्साह बढ़ाया इस हेतु आपका हार्दिक आभार। सादर प्रणाम 🙏
ReplyDeleteअद्भुत आँचल!
ReplyDeleteबहुत प्यारी कविता बाल मन की मासूम अभिव्यक्ति।
बहुत सुंदरता से जिज्ञासा और समाधान देता लाजवाब सृजन
किसी भी बाल गीत माला में उत्कृष्ट , सृजन।
आदरणीया दीदी जी सादर प्रणाम 🙏
Deleteआपके इन नेह पूर्ण सुंदर शब्दों ने मेरा खूब उत्साहवर्धन किया। आपका हृदय से हार्दिक आभार।
बेहद सराहनीय
ReplyDeleteआदरणीय सर सादर प्रणाम 🙏 उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।
Deleteबहुत सुंदर रचना, आँचल दी।
ReplyDeleteआदरणीया मैम सादर प्रणाम 🙏
Deleteउत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।
बहुत ही सुन्दर मनभावनी लाजवाब बालकविता...
ReplyDeleteवाह!!!!
इतने मनमोहक शानदार सृजन हेतु बहुत बहुत बधाई आपको...।
आदरणीया मैम सादर प्रणाम 🙏 उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।
DeleteEasy "water hack" burns 2 lbs OVERNIGHT
ReplyDeleteAt least 160,000 women and men are utilizing a easy and SECRET "liquid hack" to burn 1-2 lbs each night in their sleep.
It's effective and works with everybody.
Here's how to do it yourself:
1) Hold a glass and fill it half full
2) Proceed to learn this strange HACK
so you'll be 1-2 lbs thinner the very next day!
Strange "water hack" burns 2lbs overnight
ReplyDeleteOver 160,000 men and women are trying a simple and secret "liquid hack" to lose 1-2 lbs each and every night as they sleep.
It is very easy and works with anybody.
Here's how to do it yourself:
1) Go get a drinking glass and fill it with water half the way
2) And now learn this weight losing hack
and you'll be 1-2 lbs lighter the very next day!
बहुत सुंदर
ReplyDeleteबार रचना जो आसान नहीं लिखना ... इतनी सहज लिख दो आपने ... बधाई हो ...