बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Friday 24 January 2020

क्या सोता भारत जाग रहा है?



धधक उठी ज्वाला नभ उर में,
हाहाकार मचा कलरव में,
विपुल समर को घन अब रण में,
उठी चित्कार सुनो मनवन में,
थे तृण हरित,सब शूल हुए हैं,
त्राहि त्राहि कर धूल उड़े है,
पतित हुई अब मानसी गंगा,
सत्य,धर्म का झूठा धंधा,

अरुणा का किसने रूप हरा है?
भोर तिमिर संग खेल रहा है!!-2
क्या सोता भारत जाग रहा है?-2

तुंग हिमालय भी दहला है,
दिल्ली का दिल फिर बहला है,
हुड़दंग बंग में खूब मचा है,
लखनपुरी में भी लोचा है,
दूषित हुई बयार सदन की,
रोषित हुई पुकार रुदन की,
सूर-शौर्य का बिक गया तमगा,
कलम गा रहा झूठ की प्रभुता,

युग का कैसा ये दौर खड़ा है?
जागृति का खूब स्वाँग रचा है!!-2
क्या सोता भारत जाग रहा है?-2

घने धुंध की घनी कृपा है,
नीति का आशय धुंधला है,
धर धरना बैठी गरिमा है,
सिंहासन की सब महिमा है,
ठगी खड़ी कठ पर जनता है,
चूल्हे पर जल रही चिता है,
राजनीति की रोटी सिक गयी,
नेताओं की दाल भी गल गयी,

सब खोकर भी कोई सोता है?
सूर्य पतन का जाग चुका है!!-2
क्या सोता भारत जाग रहा है?-2

#आँचल 

13 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 25 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. वाह क्या बात है बेहद ओजपूर्ण समसामयिक सृजन प्रिय आँचल। निःशब्द हूँ आपकी लेखनी की गर्जना से।
    बहुत अच्छी रचना।
    बधाई आपको।
    सस्नेह।

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  3. आपकी आवाज़ में रचना पाठ सुनकर आनंद आ गया बहुत मीठा स्वर है।

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  4. बहुत ओजमय रचना उतना ही सुंदर और ओज पूर्ण पाठ सामायिक परिवेश पर सटीक चिंतन देती बहुत बहुत सुंदर प्रस्तुति।

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  5. आँचल दी,बहुत ही सुंदर आवाज में गाई गई बहुत ही सुंदर रचना।

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  6. लिखते रहें एक दिन आप श्रेष्ठ कवियत्री कही जाएँगी..।
    सादर।

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  7. वाह!!प्रिय आँचल ,अद्भुत सृजन 👌👌

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  8. बहुत ही सुंदर रचना आदरणीया। गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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  9. युग का कैसा ये दौर खड़ा है?
    जागृति का खूब स्वाँग रचा है!!-
    क्या सोता भारत जाग रहा है?
    गंभीर महत्वपूर्ण प्रश्न जो हर दिल में उठते है ,ओजपूर्ण रचना

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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  10. तुंग हिमालय भी दहला है,
    दिल्ली का दिल फिर बहला है,
    हुड़दंग बंग में खूब मचा है,
    लखनपुरी में भी लोचा है,
    दूषित हुई बयार सदन की,
    रोषित हुई पुकार रुदन की,
    सूर-शौर्य का बिक गया तमगा,
    कलम गा रहा झूठ की प्रभुता,
    ओजपूर्ण लेखन प्रिय आँचल | जिसमें आक्रोश के साथ , राष्ट्र के प्रति निष्ठा झलकती है | हार्दिक स्नेह --

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  11. Did you realize there's a 12 word sentence you can say to your man... that will induce deep feelings of love and instinctual appeal for you deep within his heart?

    Because deep inside these 12 words is a "secret signal" that fuels a man's instinct to love, worship and protect you with his entire heart...

    ====> 12 Words Will Trigger A Man's Love Instinct

    This instinct is so built-in to a man's brain that it will make him work harder than before to make your relationship as strong as it can be.

    As a matter of fact, triggering this mighty instinct is absolutely binding to achieving the best ever relationship with your man that the instance you send your man one of these "Secret Signals"...

    ...You will soon notice him open his heart and soul to you in such a way he haven't experienced before and he'll recognize you as the one and only woman in the galaxy who has ever truly interested him.

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