बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Thursday, 12 June 2025

रौशनी लिखो तो माने

हाँ,
लिखी होंगीं तुमने 
रातों को जागकर 
हज़ारों कविताएँ 
पर घुप अँधेरे में 
ज़रा एक बार 
'रौशनी' लिखो 
तो माने।
#आँचल

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