बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए

Saturday, 9 September 2023

देहवास का मिला है श्राप

सोच रही हूँ क्यों
निश्छल,निष्पाप आत्माओं को 
देहवास का मिला है श्राप?
विकारों की मलिनता,
छल,प्रपंच और भीरूता
ढोंग भरा अनुराग!
हाय!मनु-संग है संताप
किस अपराध का है यह त्रास?
देहवास का मिला है श्राप।
#आँचल

2 comments:

  1. मोक्ष क्या किसी को सरलता से मिल सकता है?

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  2. सचमुच यह संसार ऐसा ही है जिसमें निश्छल, निष्पाप आत्माओं के लिए जीना दंड-सदृश ही होता है। मन को छू गई यह बात।

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