Tuesday, 10 April 2018

मेरा वालिदैन है

आप के कदमो तले पलाश काश बिछा दुँ मैं
आपकी इस ज़िंदगी को महकी बगिया बना दूँ मैं
आपके बहते अश्क को माथे अपने चढ़ा लूँ मैं
तू ही जन्नत
तू खुदा है
तुझमें ही सारा जहाँ है
हाथ सिर पे जो फेरे तू
तक़दीर अपनी पलट गयी
साथ मेरे जो हो ले तू
ये कायनात मेरी हुई
पैरों पे तेरे सिर झुका के
रब को भी आगे झुका लूँ
फ़ितरतें एसी है तेरी राख भी पारस हुआ है
आग भी आगे तेरे चाँद सा शीतल हुआ है
ए बादलों के बादशाह
ए इस जहाँ के शंहशाह
माफ़ कर मेरी भूल को जो ना मानूँ तेरे उसूल को
हक़ दूंगी ना पहले तुझे
मेरे रब की पहले इबादतें
मेरी माँ से पहली चाहतें
पिता से सारी राहतें
इनकी करू बस इबादतें
इनसे ही सारी रहमतें
मेरी बरकत इन्हीं की ज़हमतें
ए खुदा तुझसे बड़ा मेरा वालिदैन है
ए खुदा तुझसे बड़ा मेरा वालिदैन है -2
                                   #आँचल                       

12 comments:

  1. वाह...
    बेहतरीन
    सादर

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    1. अति आभार
      शुभ रात्रि

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  2. बहुत उच्च भावों से सजी माता पिता के सजदे मे समर्पित रचना।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद दीदी जी
      शुभ रात्रि

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  3. लाजवाब और अनुकरणीय काव्य भाव .....आँचल मेरी प्यारी बहन धन्यवाद आपके इस लेखन के लिये !
    समय परक रचना जिसे आज की पीढ़ी को पढ़ना चाहिये
    साधुवाद प्रिय मेरी समस्त शुभ कामनाएं तुम्हारे साथ ! 👌❤

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    1. धन्यवाद दीदी जी बहुत खूब समझा आपने हमारे भावों को
      जी बिलकुल इसी बात को मद्देनजर रखकर हमने ये कविता लिखी है
      आपको पसंद आयी सार्थक हो गयी और आपका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ मिल गयी तो बस और क्या चाहिए मेरी कलम का तो भाग्य बन गया
      अति आभार दीदी जी सुप्रभात 🙇

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  4. नमस्ते,
    आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
    ( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
    गुरूवार 12 अप्रैल 2018 को प्रकाशनार्थ 1000 वें अंक (विशेषांक) में सम्मिलित की गयी है।

    प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
    चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
    सधन्यवाद।

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    1. जी ज़रूर आऊँगी
      बहुत आभार सुप्रभात 🙇

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  5. माँको पहला स्थान तो स्वयं ईश्वर भी देते हैं ... उनकी पूजा तो वैसे भी मुकम्मल हो जाती है जब माँ की सेवा हो जाती है ...
    बहुत सुंदर रचना है ...

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    1. जी बिलकुल प्रथम स्थान माता पिता का ही है
      धन्यवाद सुप्रभात

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  6. प्रिय आंचल जी -- माता -पिता को समर्पित बेहतरीन भाव और सुंदर रचना |

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    1. अति आभार रेणु जी सुप्रभात

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