Friday, 16 February 2024

मूल ' मैं ' की तलाश में

एक मैं हूँ 
और मेरे कितने सारे 'मैं'
जो मुझमें हर क्षण बनते और बिगड़ते हैं 
और रोज़ मुझ ही से लड़ते हैं 
कुछ बिल्कुल मुझसे लगते हैं 
और कुछ मुझसे अलग 
जिनको मैं पहचान ही नही पाती 
इन अनेक 'मैं' में से 
मैं कौन हूँ यह कभी जान नही पाती
पर झूझती हूँ रोज़ इतने सारे 'मैं ' के साथ 
मूल 'मैं' की तलाश में।

#आँचल 

Thursday, 15 February 2024

संसारों के सृजन में गुम होता इंसान

इस एक संसार में रहकर 
अनेक संसारों को जानने की कोशिश
और उन अनेक संसारों के प्रतिसंसार को देखने की कोशिश में रत इंसान 
रच देता है फिर एक संसार 
और उस संसार में फिर अनेक संसारों की रचना में लग जाते हैं कई और इंसान 
और फिर यूँ ही एक संसार में रहकर अनेक संसार को जानने की कोशिश अनवरत चलती ही रहती है 
पर नाकाम हो जाती है कहीं ख़ुद के संसार तक पहुँचने की कोशिश 
और गुम हो जाता है कहीं वह इंसान संसारों की भीड़ में रचते हुए फिर एक नया संसार।
#आँचल