Thursday, 2 February 2023

इस देश अथवा समाज को जगाने वालों की स्थिति उन श्वानों की भाँति है जो रातभर भौंकते हुए अपना कर्तव्य और अपनी वफ़ादारी निभाते हैं किंतु फल स्वरूप मात्र गालियाँ पाते हैं। मैं उन श्वानों में से एक हूँ।
#आँचल 

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