Tuesday, 3 March 2020

भोले भले हो



भोले, भले हो,नादान हो,
बच्चों तुम्ही तो भगवान हो। -2

मन में तुम्हारे कोई मैल नही है,
छल का तुम्हारा खेल नही है,
दिल में तुम्हारे जो अच्छाई है,
कहते उसी को सच्चाई है।
कोमल कली हो,फुलवारी हो,
आशा के तुम सब पुरवाई हो।

भोले,भले हो........

नज़रें तुम्हारी कोई भेद ना जाने,
जग में किसी को गैर ना माने,
पल में जो रूठो तो पल में ही मानो,
बैर ना जानो बस प्रेम ही बाँटो।
लड़कपन की सुंदर परछाई हो,
खुशियों भरी वो अलमारी हो।

भोले,भले हो..........

उलझे सवालों की तुम दास्तान,
जवाबों में ढूंढों नया सा जहाँ,
अंबर में तैरो,सागर में उड़ लो,
ज़मीं पे सितारों की कक्षा लगा लो।
इंद्रधनुष की रंगदानी हो,
नई दुनिया जो रंग दे वो पिचकारी हो।

भोले,भले हो..........

भोले,भले हो,नादन हो,
बच्चों तुम्ही तो भगवान हो।

#आँचल 

17 comments:

  1. वाह!प्रिय आँचल ,बहुत ही प्यारी कविता ,बच्चों के बारे में लिखी है आपने ...बस इनका भोलापन बरकरार रहे ...😊

    ReplyDelete
    Replies
    1. यही विडंबना है आदरणीया दीदी जी कि आज बच्चों में भी भोलापन कम दिखता है और छल कपट ज़्यादा। या यूँ कहें कि अभिभावक स्वयं बच्चों को 'स्मार्ट्नेस 'के नान पर यह सब सिखा उनसे उनका भोलापन छीन रहे हैं। उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार। सादर प्रणाम 🙏

      Delete
  2. वाह! बालपन के इस भोले-भाले चित्र में कवयित्री की आत्मा अपनी रचनात्मकता की विलक्षण आभा लिए मुस्कुरा रही है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. उत्साहवर्धन करते आपके सुंदर शब्दों हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय सर। सादर प्रणाम 🙏

      Delete
  3. बेहद प्यारी रचना आँचल ,और उससे भी प्यारी तुम्हारी आवाज़ हैं ,अब इन बच्चों के भोलेपन को सहेजकर रखना हमारा दायित्व हैं ,स्नेह

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी आदरणीया मैम उचित कहा आपने। बच्चों के निश्चल,भोले मन को सहेजना आज बेहद आवश्यक है यदि हमे एक उत्तम समाज का निर्माण करना हो तो। उत्साहवर्धन करते आपके सुंदर शब्दों के लिए आपका हार्दिक आभार। सादर प्रणाम 🙏

      Delete
  4. Replies
    1. उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार आदरणीय सर। सादर प्रणाम 🙏

      Delete
  5. बहुत सरस सुंदर प्यारा बाल-गीत रचा है आपने।
    आपकी मधुर आवाज़ ने गीत के भाव जीवंत कर दिये।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपके नेह पूर्ण शब्दों ने मेरा खूब उत्साह बढ़ाया आदरणीया दीदी जी। हृदय से हार्दिक आभार। सादर प्रणाम 🙏

      Delete
  6. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 05.03.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3631 में दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

    ReplyDelete
    Replies
    1. मंच पर मेरी इस साधारण सी रचना को स्थान देकर मेरा उत्साह बढ़ाने हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय सर। सादर प्रणाम 🙏

      Delete
  7. मन में तुम्हारे कोई मैल नही है,
    छल का तुम्हारा खेल नही है,
    दिल में तुम्हारे जो अच्छाई है,
    कहते उसी को सच्चाई है।
    कोमल कली हो,फुलवारी हो,
    आशा के तुम सब पुरवाई हो।
    बहुत सुंदर प्यारी सी बाल कविता प्रिय आँचल, बिलकुल तुम्हारे जैसी | खूब लिखो , खूब आगे बढो | मेरी शुभकामनाएं|

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया दीदी जी सादर प्रणाम 🙏
      आपके इन नेह पूर्ण शब्दों ने और इसमें निहित आशीष ने तो जैसे मुझे परम धनवान कर दिया है। मनोबल बढ़ाती आपकी सुंदर प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से हार्दिक आभार सादर प्रणाम 🙏

      Delete
  8. इसी से मिलती जुलती मेरी रचना तुम्हारी रचना को समर्पित --
    आँगन में खेल रहे बच्चे ,
    भोले भाले मन के सच्चे !


    एक दूजे के कानों में -
    गुप चुप से बतियाते हैं ,
    तनिक जो हो अनबन आपस में -
    खुद मनके गले मिल जाते है ;
    भले -बुरे तर्क ना जाने
    बस हैं थोड़े अक्ल के कच्चे !

    आँगन में खेल रहे बच्चे !!

    निश्छल राहों के ये राही -
    भोली मुस्कान से जिया चुरालें ,
    नजर भर देख ले जो इनको
    बस हंसके गले लगा ले ;
    अभिनय नहीं इनकी फितरत
    जो मन में वो ही मुखड़े पे दिखे !

    आंगन में खेल रहे बच्चे !!


    इन नन्हे फूलों से आज -
    ये आँगन का उपवन महक रहा है ,
    सूना और वीरान था पहले -
    अब कोना - कोना चहक रहा है ,
    कौतुहल से भरे ये चुन- मुन--
    मन के कोमल- शक्ल के अच्छे !
    आँगन में खेल रहे बच्चे !!

    भोले भाले मन के सच्चे !!!!!!!!!!!!





    !


    ReplyDelete
    Replies
    1. वाह्ह्ह्ह्ह!
      आदरणीया दीदी जी आपकी यह पंक्तियाँ बाल मन की मासूम छवि का सुंदर चित्र खींच रही हैं। कितनी निश्चल,सरल,सुंदर,मनमोहक रचना है। उम्दा सृजन आदरणीया दीदी जी। हमसे यह साझा करने के लिए आपका हार्दिक आभार।

      Delete
  9. Easy "water hack" burns 2 lbs OVERNIGHT

    Well over 160k men and women are hacking their diet with a easy and secret "liquids hack" to drop 1-2 lbs each and every night in their sleep.

    It's very simple and it works on anybody.

    Here's how to do it yourself:

    1) Go grab a glass and fill it up with water half glass

    2) Proceed to do this crazy HACK

    you'll become 1-2 lbs thinner in the morning!

    ReplyDelete