बस यही प्रयास कि लिखती रहूँ मनोरंजन नहीं आत्म रंजन के लिए
सुन्दर
अफसोस हम चिंताओं की अग्नि में ही जलते रहते है ।
सुन्दर कविता. हार्दिक शुभकामनायें
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर मंगलवार 22 जुलाई 2025 को लिंक की जाएगी ....http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!!
बहुत सुंदर
सुन्दर
ReplyDeleteअफसोस हम चिंताओं की अग्नि में ही जलते रहते है ।
ReplyDeleteसुन्दर कविता. हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर मंगलवार 22 जुलाई 2025 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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बहुत सुंदर
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