Friday 20 September 2024

गप्प-क्रांति

 


 हो रही तलाश 

अस्त हो चुके सूर्य को ढूँढ़ लाने की 

या चल रही कोई साज़िश 

रश्मियाँ बटोर नया सूर्य बनाने की,

झूठी ही सही, एक पहचान पाने की।

अरे! ये रात के अँधेरे में दिन का उजाला है!

सपना है मीठा या किसी ने भ्रम पाला है?

चलो छोड़ो,जाने भी दो,

व्यर्थ ही माथे पर बल डाला है।

कौन,क्या,क्यों,कब,कहाँ और कैसे?

इन प्रश्नों में उलझे तो सब ऐसे 

जैसे अभी मिल-जुलकर 

कमाल दिखाएँगे,

बदलेंगे सब कुछ! बेहतर 'कल' लाएँगे।

अरे! कुछ नही बस गप्प लड़ाएँगे।


#आँचल